जब भी आप Seo और बैकलिंक की बात करते हैं, तो आपने कहीं ना कहीं लिंक जूस (Link Juice) का नाम जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं, असल में ये लिंक जूस क्या है (Link Juice Kya Hai), और ये आपकी वेबसाइट को गूगल रैंकिंग में शामिल करने के लिए कैसे मदद कर सकता है। आइए जानते हैं:
लिंक जूस क्या है (Link Juice Kya Hai)
जब आपकी वेबसाइट को किसी अन्य दूसरी वेबसाइट से Do Follow Backlink मिलता है, तो उस बैकलिंक के द्वारा आपकी साइट को कुछ वैल्यू मिलती है। वह वेबसाइट आपको अपनी कुछ रैंकिंग पावर, ऑथोरिट और ट्रस्ट देती है। Seo की भाषा में इस वैल्यू को लिंक जूस कहते हैं।
Link Juice कितने प्रकार के होते हैं
Link Juice दो प्रकार के होते हैं, इंटरनल लिंक जूस और एक्सटर्नल लिंक जूस।
1. Internal Link Juice
अगर आप अपने किसी ब्लॉग आर्टिकल में अपने ही ब्लॉग के किसी दूसरे आर्टिकल की लिंक लगाते हैं, तो इसे Internal Link Juice कहते हैं। इंटरनल लिंकिंग करके ब्लॉग की वैल्यू बढ़ाई जा सकती है।
2. External Link Juice
जब आपके ब्लॉग को किसी दूसरे ब्लॉग से लिंक मिलता है , तो उसे External Link Juice कहते हैं। External Linking से आप आपने ब्लॉग के DA की वैल्यू बढ़ा सकते है।
Link Juice बनाने के फायदे क्या हैं
- गूगल में अच्छी रैंकिंग हासिल कर सकते हैं।
- ब्लॉग का DA बढ़ा सकते हैं।
- पेज रैंकिंग में सुधार कर सकते हैं।
- यूज़र एंगेजमेंट बना सकते हैं।
- Seo में ब्लॉग को बेहतर बना सकते हैं।
Link Juice बनाने के नुकसान क्या हैं
लिंक जूस बनाने के कुछ नुकसान हैं:
- अननेचुरल और गलत तरीके से लिंक जूस बनाने से बचना चाहिए, क्युकी इससे गूगल सर्च में रैंकिंग हासिल करने में मुश्किलें आ सकती है।
- Poor Quality Link से ब्लॉग के ट्रेफिक में गिरावट आ सकती है। इसके लिए Poor Quality Link बनाने से बचना चाहिए।
- एक्सचेंज और खरीदे जानें वाले लिंक्स से बचना चाहिए, क्युकी इससे ब्लॉग के ट्रेफिक पर गलत असर पड़ सकता है।
- गूगल के एल्गोरिथम और अपडेट्स को ध्यान में रखकर लिंक्स बनाने हैं, नहीं तो ब्लॉग की रैंकिंग को खतरा हो सकता है।
Link Juice कैसे बनाते हैं
अब तक आप सभी जान गए होंगे, की लिंक जूस क्या है और इसके क्या फायदे हैं। अब आगे जानते हैं, की लिंक जूस कैसे बनाते हैं, इसके लिए इन पॉइंट्स को समझते हैं।
- Indirect Link Building
- Direct Link Building
- Internal Linking
1. Indirect Link Building Seo
Indirect Link Building SEO की एक ऐसी स्ट्रेटजी होती है, जिसमें आपको किसी दूसरी वेबसाइट या ब्लॉगर से बैकलिंक मांगने की जरूरत नहीं होती है। बल्कि आप खुद ऐसा वैल्यूएबल कंटेंट बनाते हैं, जिससे दूसरे ब्लॉगर खुद से ही आपकी वेबसाइट या आर्टिकल को Do Follow Link प्रदान करने पर मजबूर हो जाएं। इसका सीधा मतलब यह होता है, की आप अपनी ब्रांड ऑथोरिटी, ट्रस्ट और ब्रांड इमेज के जरिए Naturally Backlink को अपनी तरफ खींचते हैं।
2. Direct Link Building Seo
Direct Link Building SEO की एक ऐसी स्ट्रेटजी है, जिसमें आपको खुद से आगे बढ़कर अन्य दूसरी वेबसाइट या ब्लॉगर से ईमेल भेजकर, लिंक एक्सचेंज करके, गेस्ट पोस्ट लिखकर या कॉन्टैक्ट करके अपने कन्टेंट के लिए बैकलिंक प्राप्त करने होते हैं। इसका सीधा मतलब आपकी वेबसाइट की ऑथोरिटी, रैंकिंग पावर और ऑर्गेनिक ट्रैफिक को बढ़ाने में मदद करना होता है।
3. Internal Linking Seo
Internal Link Building SEO जब आप अपने किसी ब्लॉग पोस्ट में अपने ही किसी अन्य दूसरे आर्टिकल का लिंक लगाते हैं, तो इस प्रक्रिया को ही Internal Linking Seo कहते हैं। इससे यूजर आपके रिलेटिड कंटेंट तक आसानी से पहुंचता है, इतना ही नहीं बल्कि गूगल को भी ये सिंगनल देता है, कि आपकी साइट पर कौन से पेजेस एक दूसरे के साथ कनेक्टिड हैं।
FAQs- Link Juice Kya Hai
1. लिंक वैल्यू क्या है- What Is Link Value In Seo
Seo में हर बैकलिंक बराबर नहीं होती हैं, किसी की वैल्यू ज्यादा होती है तो किसी की वैल्यू कम होती है। इसी को Seo में लिंक वैल्यू कहते हैं।
अगर कोई दूसरा ब्लॉगर आपके ब्लॉग के लिंक को अपने ब्लॉग के होमपेज, कैटेगरी पेज, या आर्टिकल की शुरुआत में सबसे पहले लगाता है, तो उसकी वैल्यू सबसे ज्यादा होती है।
क्योंकि वहां से मिले लिंक की ऑथोरिटी को गूगल महत्वपूर्ण समझता है। लेकिन अगर कोई अपने ब्लॉग आर्टिकल के अंत में आपको लिंक देता है, तो उसकी वैल्यू सबसे कम होती है।
2. Link Juice SEO में कैसे काम करता है?
जब कोई अच्छी ऑथोरिटी वाली वेबसाइट या ब्लॉग आपके पेज को बैकलिंक प्रदान करते है, तो वह आपको अपनी कुछ रैंकिंग पावर और ऑथोरिटी वैल्यू ट्रांसफर कर रहे हैं। इसको Seo में Link Juice Flow कहते हैं।
3. क्या हर backlink Link Juice पास करता है?
नहीं, केवल Do Follow Backlink ही लिंक जूस देते है, जबकि No Follow Backlinks केवल रेफरल ट्रैफिक देने का काम करते हैं।
4. Link Juice बढ़ाने के सबसे अच्छे तरीके क्या हैं?
ज्यादा डोमेन ऑथोरिटी वाली साइट्स से बैकलिंक प्राप्त करना फायदेमंद होता है। इसके अलावा गेस्ट पोस्टिंग एक अच्छा तरीका है, बैकलिंक प्राप्त करने के लिए। लेकिन Irrelevant Sites से लिंक लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे ब्लॉग ऑथोरिटी को नुकसान पहुंच सकता है।
5. क्या Anchor Text का लिंक जूस पर असर होता है?
हां बिल्कुल, एंकर टेक्स्ट का लिंक जूस पर प्रभाव पड़ता है। क्योंकि ये गूगल को बताता है, की आपके कौन से लिंक किस टॉपिक के साथ कनेक्ट हैं, जिससे Seo Value बढ़ती है।
6. क्या Link Value समय के साथ घटती है?
हां बिल्कुल, अगर लिंक किसी काम की नहीं रहती, इनएक्टिव हो जाती है या किसी भी कारण लिंक किए हुए पेज की ऑथोरिटी घट जाती है, तो उसकी वैल्यू कम हो जाती है।
7. क्या लिंक जूस केवल SEO के लिए ही जरूरी है?
ऐसा नहीं है, लिंक जूस केवल Seo तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आपकी वेबसाइट की क्रेडिबिलिटी (Credibility), ब्रांड ट्रस्ट, और रेफरल ट्रैफिक को बढ़ाने में भी आपकी मदद करता है।
निष्कर्ष- Link juice Kya Hai
Seo में लिंक जूस और लिंक वैल्यू ये दोनों ही वेबसाइट की अच्छी रैंकिंग के लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर आप रेलेवेंट वेबसाइट से High Quality Backlinks प्राप्त करते हैं, तो आपकी वेबसाइट को गूगल में अच्छी ऑथोरिटी और ट्रस्ट मिलता है।
मैं आशा करता हूं, कि आपको आज का यह आर्टिकल पसन्द आया होगा और इसकी मदद से आप अपने ब्लॉग के लिए ज्यादा से ज्यादा लिंक जूस बना सकते हैं। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कॉमेंट में जरूर बताएं। आपका कोई सवाल है, तो आप वह भी पूछ सकते हैं। धन्यवाद, राधे राधे।