Competitor Analysis Kaise Kare– क्या होगा, अगर आपको एक ऐसा तरीका पता लग जाए, जिसमें आप अपने ब्लॉग के Competitor के बारे में सब कुछ जान सकते हैं। कितना आसान हो जायेगा ना, ब्लॉगिंग करना। इससे समय की भी काफी बचत होगी, जिसके चलते आप अपने ब्लॉग के लिए नए-नए टारगेट कीवर्ड पर Unique Content लिख पाएंगे।

Competitor Analysis Kaise Kare

आपने कही से Competitor Analysis के बारे में जरूर सुना और पढ़ा होगा। लेकिन ज्यादातर वह ब्लॉगर्स, जो ब्लॉगिंग के क्षेत्र में अभी नए है, उन्हें कंपीटीटर एनालाइज के बारे में ज्यादा नॉलेज नहीं है।

जिसकी वजह से वह अपने प्रतियोगी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान पाते हैं। लेकिन आज का यह पूरा आर्टिकल Competitor Analysis करने के बारे में है। जिसमे आप ये कुछ जरूरी पॉइंट्स को जानेंगे।

Competitor Analysis क्या है

ब्लॉग टॉपिक से रिलेटिड कीवर्ड को गूगल में सर्च करने पर जितने भी ब्लॉग पोस्ट दिखाई देती है, वही आपके कंपटीटर होते है। उन्हीं कंपीटीटर के बारे में जरूरी जानकारी को ढूंढना और उसपर रिसर्च करना, उसे Competitor Analysis कहते हैं। 

विस्तार से समझाता हूं, जब आप गूगल में अपना एक कीवर्ड लिखकर सर्च करते है, रिजल्ट में आपके सर्च किए कीवर्ड के अनुसार ब्लॉग पोस्ट दिखाई देती है। अगर आप उन ब्लॉग के DA, PA, Backlink, Keyword के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसे ही Competitor Analysis कहते हैं।

Competitor Analysis करने के फायदे

Competitor Analysis करने से आपके ब्लॉग को कुछ फायदे हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं।

Competitor Analysis क्यों महत्वपूर्ण है

Competitor को अच्छे से एनालाइज करने के बाद आप अपने कंपटीटर की स्ट्रेटजी के बारे में जान सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह भी है, की आप अपने ब्लॉग की कमियों को सुधार सकते हैं। इसके अलावा ब्लॉग को गूगल सर्च इंजन के लिए ऑप्टिमाइज भी कर सकते हैं।

Competitor Analysis कैसे करें 

कंपीटीटर एनालाइज करने से कंपीटीटर के काम करने के तरीके के बारे में जान सकते हैं, कि वह कैसे काम करते हैं। इसके माध्यम से हम अपने ब्लॉग कंपटीटर की स्ट्रेटजी को समझ सकते हैं और अपने ब्लॉग को बेहतर बनाकर आगे बढ़ सकते हैं। इसके लिए हमें कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

1. Content की Quality पर ध्यान दें

अपने Competitor Blog के कॉन्टेंट को देखें और समझें कि उसमें ऐसा क्या लिखा गया है, जो आपके ब्लॉग में सुधार जा सकता है। कंटेंट की क्वॉलिटी बढ़ाने के लिए कंपटीटर के ब्लॉग से ज्यादा जानकारी भरा कंटेंट लिखने पर ध्यान देने की कोशिश करते रहें। आपके ब्लॉग पर जितना ज्यादा अच्छा इनफॉर्मेटिव कंटेंट पोस्ट होगा, उतना ही कंटेंट की क्वॉलिटी सुधरती जायेगी।

2. On Page Seo पर ध्यान दें

कंपटीटर ब्लॉग के On Page Seo को ज़रूर चैक कर लें, क्युकी Good Backlinks बनाना और क्वॉलिटी कंटेंट लिखने ही काफी नहीं है। जबतक ब्लॉग का On Page Seo ठीक से नहीं हुआ हो, तब तक क्वॉलिटी कंटेंट लिखने से ज्यादा कुछ नहीं होगा। इसलिए अपने ब्लॉग का On Page Seo में सुधार करें।

3. Good Backlink पर ध्यान दें

बैकलिंक Seo का ही एक हिस्सा होता है, जिससे ब्लॉग को गूगल में रैंक करने में सहायता मिलती है। Competitor Analysis करते समय उनके बैकलिंक पर जरूर ध्यान रखना जरूरी है। क्युकी इससे आपको उनके बैकलिंक सोर्स और बैकलिंक क्वांटिटी के बारे में जानकारी निकाल सकते हैं।

उनके बैकलिंक क्वांटिटी से ज्यादा क्वांटिटी आपके ब्लॉग पर होनी चाहिए। क्योंकि ज्यादा बैकलिंक आपके ब्लॉग को गूगल में रैंक कराने में मदद करती है।

4. Blog Traffic पर ध्यान दें

अपने Competitor Blog के Traffic यानी उसकी ऑडिएंस के बारे जानकारी प्राप्त करें। जब आप यह जान लेते हैं, तो अपने ब्लॉग पर ट्रेफिक ला सकते हैं।

5. Domain Authority पर ध्यान दें

Competitor ब्लॉग के DA यानी उसकी Domain Authority को चेक कर लेना चाहिए। क्योंकि यह Seo का एक जरूरी हिस्सा होता है, Search Engine Result Page में ब्लॉग की परफॉरमेंस और उसकी रैंकिंग के बारे में जानकारी मिलती है। 

Competitor ब्लॉग के DA चेक करने के लिए इन पॉइंट्स पर ध्यान दें। 

Competitor के DA कैसे चेक करें

कंपीटीटर के ब्लॉग की डोमेन अथॉरिटी चेक करने के लिए Moz, Semrush, Ahrefs और Website Seo Checker जेसे इन सभी टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

Competitor को पीछे कैसे छोड़ें 

यहां ध्यान दें- DA (Domain Authority) केवल Moz की एक मैट्रिक है, जो रेंकिंग का फैक्टर नहीं है। ब्लॉग का DA बढ़ाने के लिए काफी समय भी लग सकता है, इसलिए धैर्य रखकर लगातार Seo Friendly कंटेंट लिखने पर ध्यान देने की कोशिश करते रहें।

6. Domain Age पर ध्यान दें

Domain Age जो कि रैंकिंग का एक जरूरी हिस्सा होता है। Domain Age जितनी ज्यादा होती है, कहने का मतलब डोमेन जितना पुराना होगा, उतना ही गूगल का आपके ब्लॉग के प्रति विश्वास बनेगा। 

इसलिए अपने कंपटीटर ब्लॉग के Domain Age को ज़रूर चैक कर लें, और अपने ब्लॉग का Domain Age बढ़ने तक का इंतजार करें।

7. Keywords पर ध्यान दें

अपने कंपटीटर ब्लॉग को चैक करते समय उनके कीवर्ड को देखें, की वह किन-किन कीवर्ड पर लेख लिख रहे हैं। उनके कीवर्ड को अपनी नोटबुक में लिख लें और उन कीवर्ड्स पर इनफॉर्मेटिव क्वालिटी कंटेंट लिखने की कोशिश करते रहें।

8. Keywords Density पर ध्यान दें

इसके बाद यह चेक कर लें, की कंपीटीटर अपने ब्लॉग पोस्ट में एक कीवर्ड को कितनी बार और कहां इस्तेमाल कर रहा है। अगर आप यह जान जाते हैं, तो आपको अपने ब्लॉग पोस्ट में Keyword Density सुधार करने में सहायता मिलेगी।

9. Content की Quantity पर ध्यान दें

कंपटीटर के ब्लॉग पर कितनी ब्लॉग पोस्ट की गई है, इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर आपके ब्लॉग पर कंपटीटर के मुकाबले ब्लॉग पोस्ट की क्वांटिटी कम है तो Content की Quantity बढ़ाने की कोशिश करें।

10. Pages पर ध्यान दें 

कंपटीटर के ब्लॉग में उनके Page’s को भी जरूर चेक करना चाहिए, की उनके ब्लॉग पर कोन कोन से जरूरी Page को लगाया गया है। अगर आपके ब्लॉग पर जरूरी Page’s नहीं है, तो उन सभी को अपने ब्लॉग में जरूर शामिल कर लें। 

निष्कर्ष- Competitor Analysis Kaise Kare

Competitor Analysis Kaise Kare और Competitor Analysis करना क्यों महत्वपूर्ण है। आज के लेख में कुछ ऐसे ही जरूरी प्वाइंट को कवर किया है, जिससे आपको अपने ब्लॉग के कंपीटीटर को एनालाइज करने में सहायता मिलेगी।

आशा करता हूं, कि आपको आज का लेख पसंद आया होगा। कॉमेंट में अवश्य बताएं, धन्यवाद राधे राधे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *