Core Web Vitals INP Issue Kya Hai: कैसे ठीक करें,5 चीजें करें

रैंकिंग के लिए वेबसाइट या वेब पेज की परफॉरमेंस अच्छी  होना जरूरी होता है। Google, Core Web Vitals के जरिए किसी वेबसाइट की परफॉरमेंस को मापता है। Core Web Vitals के चार पार्ट हैं, LCP, FCP, CLS, FID जिसको गूगल द्वारा की गई घोषणा के अनुसार 2024 में Inp द्वारा बदला जाएगा। 

Core Web Vitals INP Issue Kya Hai

आज के लेख में जानेंगे,Core Web Vitals INP Issue Kya Hai, Inp Issue क्यों आता है। इससे Seo Ranking पर क्या असर पड़ सकता है, और Core Web Vitals Inp Issues को कैसे ठीक कर सकते हैं। 

FID क्या है 

किसी वेब पेज पर क्लिक करने से लेकर उसके जवाब देने तक के समय को First Input Delay (FID) कहते हैं।

INP क्या है – (Core Web Vitals INP Issue Kya Hai)

Google Inp– इसको पूरे शब्दों में Interaction To Next Paint कहते हैं। यह वेबसाइट या वेब पेज के Responsive Stability को बताता है, कि वह Responsive है या नहीं। Google Inp, यूजर्स के Interaction पर ध्यान रखता है। 

यूजर के नजरिए से समझते हैं– जब आप किसी वेबसाइट को ओपन करके उसमें अपना कोई काम करते हैं। कोई एक्शन लेते हैं या किसी बटन पर क्लिक करते हैं, तो वेबसाइट आपके जवाब का कितने समय में रिस्पॉन्स करती है। इसी कार्य को पेंट कहते हैं।

अगर आपको वेबसाइट के जवाब देरी से मिलते हैं, तो आपको लगेगा की वेबसाइट सही तरीक़े से काम नहीं कर रही है। इस क्रिया से पता चलता है, कि वेबसाइट कितनी स्पीड में काम करती है। इस क्रिया को हम Interaction Delay कहते हैं।

Google Inp आपको बताता है, कि वेबसाइट आपके पूछे गए सवाल का जवाब देने में कितना समय लगाती है। अगर वेबसाइट का Inp स्कोर ज्यादा होता है, तो वेबसाइट आपके द्वारा किए गए किसी भी कार्य या आपके इनपुट का रिस्पॉन्स देने में देरी करती है। जो बिल्कुल भी सही नहीं है, आगे जानेंगे एक अच्छा आईएनपी स्कोर क्या है

Inp के लिए अच्छा स्कोर क्या होना चाहिए- 

अगर Inp का स्कोर 200 मिलीसेकंड या इससे कम है, तो यह आपकी वेबसाइट के लिए अच्छा है। अगर यह स्कोर 200 से 400 मिलीसेकंड के बीच तक है, तो आपको एक Warning मिलेगी। 400 मिलीसेकंड या उससे ज्यादा का स्कोर देखने को मिलता है, तो यह स्कोर वेबसाइट के लिए बोहोत बुरा साबित हो सकता है। इसके लिए आपको Core Web Vitals को सुधारने की जरूरत होगी। 

INP Issue चेक करने के लिए टूल्स क्या हैं-

Google Inp का स्कोर देखने के लिए आप इन टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • Chrome Dev Tools
  • PageSpeed Insights
  • Lighthouse
  • Webpage Text

INP का Seo पर प्रभाव- 

Google INP का Seo पर गलत असर भी पड़ सकता है क्योंकि अगर वेबसाइट यूजर के जवाब देने में देरी करती है तो यूजर्स पेज को छोड़कर भी जा सकते हैं। जिससे पेज का बाउंस रेट, पेज की रैंकिंग और User Experience पर गलत असर पड़ता है। 

FID और INP में क्या अंतर है- (FID Vs INP)

INP और FID दोनों ही वेबसाइट की स्पीड और परफॉर्मेस चेक करने के लिए बनाया गया है। लेकिन इन दोनों में कुछ अंतर भी है।

INP FID 
INP, User Experience और पेज की क्वालिटी पर ध्यान रखता है। Core Web Vitals INP, वेबसाइट के पार्ट्स को Improve करने का काम करता है।FID पहले वेबसाइट की स्पीड का अंदाजा लगाता है, और उसपर ध्यान रखता है।
INP यूज़र और वेबसाइट के बीच जुड़ने के समय को देखता है, कि वेबसाइट यूजर के रिजल्ट को समझने में और उसका रिज़ल्ट स्क्रीन पर दिखाने में कितना समय लगाता है।Core Web Vitals First Input Delay, ब्राउज़र के रिस्पॉन्स पर ध्यान रखता है की वह यूजर के इनपुट का कितना समय लगाता है।

Interaction To Next Paint (INP) कैसे ठीक करें 

Google Core Web Vitals Inp को ठीक करने के लिए इन्हें पढ़ें।

इनपुट Delay को कम करें 

इनपुट डिले वह होता है, जब यूजर किसी वेबसाइट को अपने मोबाइल या किसी अन्य डिवाइस में ओपन करता है, तो वेबसाइट यूजर के इनपुट का रिस्पॉन्स देने में कितना समय लगाती है। इनपुट डिले में जैसे माउस, टचस्क्रीन, कीबोर्ड जेसे इनपुट डिवाइस शामिल हैं। इसको कम करने के लिए आपको इनपुट डिवाइस, मोनिटर, V-Sync और फ्रेम रेट कि सेटिंग को चेक करना चाहिए।

Long Tasks को Optimize करें 

किसी भी ब्राउज़र का काम पेज को दिखाना होता है। पेज दिखाने के लिए ब्राउज़र को HTML, Javascript जेसे कोड को पढ़ना और समझकर यूजर की स्क्रीन पर दिखाना होता है। अगर ब्राउज़र ये समझने में 50 मिलीसेकंड से ज्यादा का समय लगाता है, तो इसी क्रिया को Long Task कार्य कहते हैं। यह ब्राउज़र के काम को रोककर Fid Issue बढ़ा देता है।

Long Tasks को ठीक कम करने के लिए आप इन स्टेप्स को फ़ॉलो कर सकते हैं।

  • Javascript Code को कम करें।
  • वेबसाइट के Server Response के समय में सुधार करें।
  • वेब पेज के कंटेंट जैसे फॉन्ट, इमेज, वीडियो की क्वालिटी में सुधार करें।
  • वेबसाइट के कंटेंट को Lazy Loading की सहायता से लोड करें।

लेआउट Thrashing में सुधार करें 

इससे बचने के लिए DOM के Read और Write को एक साथ करने से बचना होगा क्योंकि इसके एक साथ होने से कईं सारी लेआउट स्टाइल को दोबारा गिन लिया जाता है। जिससे परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह सब कुछ Javascipt में स्टाइल अपडेट करने के तुरंत बाद उसे पढने के लिए Request भेजने से होता है। ऐसा करने पर हम ब्राउज़र को वेब पेज के अपडेटेड एलिमेंट्स को जल्दी से दिखाने पर मजबूर करते हैं। इससे स्पीड कम हो जाती है। 

डॉम साइज़ को कम करें 

DOM यानी Document Object Modal, यह नोड्स Documents के अनेक हिस्सों को वेब पेज में दिखाते हैं, जिनमें टेक्स्ट स्ट्रिंग्स, कॉमेंट और एलिमेंट्स शामिल हैं। इसका गलत साइज वेबसाइट की परफॉरमेंस और स्पीड पर असर डालता है। अगर DOM का साइज ज्यादा बड़ा है, तो उसकी वजह से वेबसाइट को लोड होने में समय लग सकता है। इसलिए DOM Size को सुधारकर उसको छोटा और सिंपल रखना चाहिए।

पेज की एक्सपीरियंस और उसकी क्वालिटी को सुधारने के लिए आप Lighthouse नाम के इस टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। लाइटहाउस ने DOM का साइज 1,400 नोड्स तक का होता है। अगर DOM का साइज इससे ज्यादा होता है, तो ये टूल साइज को सुधारने की सलाह भी देता है। 

HTML Rendering में सुधार करें 

वेब ब्राउज़र HTML को पार्स और रेंडर करने के लिए एक निश्चित टाइम और मेमोरी लेता है। ब्राउज़र पर HTML सर्वर से छोटे छोटे टुकड़ों के रूप में आती है। इसके बाद ब्राउज़र इन टुकड़ों को एक-एक करके पार्स करके रेंडर करता है, इससे वेब पेज की परफॉरमेंस में सुधर होता है। 

लेकिन कुछ वेबसाइट HTML को क्लाइंट पर रेंडर करती है इसके लिए जावास्क्रिप्ट का इस्तेमाल किया जाता है इस Process को सिंगल पेज एप्लीकेशन (SPA) कहा जाता है 

इसके नुकसान क्या हैं- 

  • इस Process में जावास्क्रिप्ट से HTML पार्स करने में लगभग दोगुना टाइम और मेमोरी लग जाता है। 
  • इस Process से जब Javascipt से बड़ी मात्रा में HTML को रेंडर किया जाता है, तो वेबसाइट की परफॉरमेंस पर बुरा असर होता है। 

निष्कर्ष – conclusion

आज मैने आपको इस लेख में Core Web Vitals Inp के बारे में बताया है, Google Inp का स्कोर कैसे सुधारें और इस समस्या को कैसे ठीक कर सकते हैं।

आशा करता हूं, कि आपको इस लेख से कुछ सीखने को मिला होगा। अगर इस लेख को लेकर आपका कोई सवाल है, तो आप कॉमेंट करके पूछ सकते हैं। अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद, राधे राधे।

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